अर्थव्यवस्था से क्या अभिप्राय है? इसके प्रकारों का वर्णन करों?
अर्थव्यवस्था:- वह व्यवस्था जहां लोगों को आजीविका कमानें के साधन उपलब्ध हैं।
या
वह व्यवस्था है जहाँ समाज के समस्त वर्गो के जीविका पार्जन के साधन उपलब्ध होते है।
अर्थव्यवस्था के प्रकार:-
(1) बाजार अर्थव्यवस्था(पूंजीवादी) :- वह अर्थव्यवस्था जिसमें उत्पादन के सभी साधनों पर निजी स्वामित्व पाया जाता है। यहाँ उत्पादक उन वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए स्वतंत्र है जिनकी मांग अधिक है ताकि वह अपने लाभ को अधिकतम कर सके। इसी प्रकार उपभोक्ता भी वस्तुओं का चुनाव करने के लिए स्वतंत्र है ताकि वह अधिकतम संतुष्टि प्राप्त कर सके। यहाँ सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं करती।
(2) केन्द्रीय योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था (समाजवादी अर्थव्यवस्था):- वह अर्थव्यवस्था जहाँ उत्पादन के समस्त साधनो पर सरकारी स्वामित्व पाया जाता है। यह एक स्वतंत्र अर्थव्यवस्था नहीं है यहां सभी आर्थिक क्रियाओं का निर्धारण केन्द्रीय अधिकारी या सरकार द्वारा होता है। इनका उद्देश्य कल्याण करना होता है
(3) मिश्रित अर्थव्यवस्था:– वह अर्थव्यवस्था जिसमें उत्पादन के कुछ साधनों पर सरकारी स्वामित्व और कुछ पर निजी स्वामित्व पाया जाता है। यहां सरकार समस्त उत्पादन प्रक्रियाओं पर अप्रत्यक्ष रूप से अपना नियंत्रण रखती है।
उत्पादन संभावना वक्र से आप क्या समझते है? इसकी विषेशता का वर्णन करो।
उत्तरः– उत्पादन संभावना वक्र (Meaning of Production Possibility Curve):- इसका प्रतिपादन प्रो॰ सेम्यूल्यसन के द्वारा किया गया। इसका मुख्य कार्य अर्थव्यवस्था की पहली मूलभूत केन्द्रीय समस्या ‘‘क्या उत्पादन किया जाए‘‘ को हल करना था। उत्पादन संभावना वक्र वह वक्र है जो दिए हुए साधनों व तकनीक के द्वारा दो काल्पनिक वस्तुओं के उत्पादन की विभिन्न वैकल्पिक संभावनाओं को दर्शाता है। ये वस्तुएं खाद्यान्न और पूंजीगत या युद्धकालीन और शांतिकालीन हो सकती है।
उत्पादन संभावना वक्र की मान्यताएं (Assumptions) :-
1. तकनीक में कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए
2. साधन पूर्णतः गतिशील होने चाहिए
3. अर्थव्यवस्था सदैव पूर्ण रोजगार की अवस्था में होनी चाहिए
4. केवल दो ही वस्तुओं की संभावनाओं को प्रकट किया जा सकता है 5. जब एक वस्तु से साधनों को हटाकर दूसरी वस्तु के उत्पादन में लगाते है तो एक वस्तु को कम दूसरी वस्तु की मात्रा को अधिक उत्पादित किया जाता है।
नोट :- इसे उत्पादन संभावना सीमा, परिवर्तन रेखा, परिवर्तन वक्र भी कहा जाता है।
उत्पादन संभावना अनुसूची:- उत्पादन संभावना अनुसूची अर्थव्यवस्था के लिए उपलब्ध विभिन्न उत्पादन संभावनाओं को दर्शाती है।
उदाहरण के साथ स्पष्टीकरण (Explanation with Example):-
मान लीजिए, एक निर्माता उपलब्ध संसाधन और दी गई तकनीक के साथ केवल दो सामान, गेहूं और सीमेंट का उत्पादन करने का फैसला करता है।
सारणी की सहायता से स्पष्टीकरण
संयोग | गेहूं(ईकाइयां) | सीमेंट(ईकाइयां) |
A
B C D E |
20
18 14 8 0 |
0
1 2 3 4 |
जैसा कि सारणी से स्पष्ट होता है कि पहली संभावना A में समस्त साधनों को खाद्यान्न(गेंहू) वस्तु के उत्पादन में लगा दिया जाता है तो सीमेंट का उत्पादन शून्य रह जाता है जैसे-2 साधनों को गेहूँ के उत्पादन से हटाकर सीमेंट के उत्पादन में लगाया जाता है तो सीमेंट का उत्पादन गेहूँ के उत्पादन की अपेक्षा बढ़ता जाता है। और E संयोग पर खाद्यान्न(गेंहू) वस्तु का उत्पादन शून्य रह जाता है इस प्रकार स्पष्ट होता है की दोनों में विपरीत सम्बन्ध है क्योकि साधन सीमित है
रेखाचित्र की सहायता से निरूपण
जैसा की रेखा चित्र से स्पष्ट होता है कि X-अक्ष पर गेहूँ और Y-अक्ष पर सीमेन्ट के उत्पादन को दर्शाया गया है जैसे-2 सीमेन्ट के उत्पादन में कमी की जा रही है वैसे-2 गेहूँ के उत्पादन में वृद्धि हों रही है इसलिए उत्पादन संभावना वक्र नीचे की ओर गिर रहा है।
उत्पादन संभावना वक्र की विषेशताएं (Properties of PPC):-
उत्पादन संभावना वक्र का ढलान ऋणात्मक होता है :- प्रत्येक अर्थव्यवस्था के पास उत्पादन के साधन सीमित होते है इसी कारण से दोनों वस्तुओं का उत्पादन एक साथ नहीं बढाया जा सकता यदि साधनों की मात्रा असीमित होती है तो ऐसी संभावना संभव हो सकती थी कि दोनों वस्तुओं की मात्रा एक साथ बढाई जाती।
रेखाचित्र की सहायता से निरूपण
साधनों की सीमितता के कारण ही जब X अक्ष पर स्थित वस्तु का उत्पादन बढ़ाया जाता है तो Y अक्ष पर स्थित वस्तु का उत्पादन कम करना पडता है अर्थात् X और Y वस्तु के उत्पादन के बीच ऋणात्मक संबन्ध पाया जाता है जिसके कारण उत्पादन संभावना वक्र नीचे की ओर गिरता है।
उत्पादन संभावना वक्र मूल बिन्दू की ओर नदोतर होता है:-
बढ़ती हुई सीमान्त अवसर लागत के कारण उत्पादन संभावना वक्र मूल बिन्दू की ओर नतोदर होता है। अवसर लागत से अभिप्राय त्यागी गई मात्रा से होता है। जब कुशल साधनों को एक वस्तु के उत्पादन से हटाकर दूसरी वस्तु के उत्पादन में लगाया जाता है तो वे साधन दूसरी वस्तु के उत्पादन में योग्य और कुशल साबित नहीं होते जिसके कारण त्याग की मात्रा में वृद्धि होती है इसी कारण उत्पादन संभावना वक्र मूल बिन्दू की ओर नदोतर होता है।
या
इसका कारण यह है कि वस्तु-x की प्रत्येक अतिरिक्त इकाई का उत्पादन करने के लिए वस्तु-y की अधिक से अधिक इकाइयों का त्याग करना होगा। वस्तु-x की प्रत्येक अतिरिक्त इकाई के उत्पादन की अवसर लागत वस्तु-y के उत्पादन के नुकसान के रूप में बढ़ जाती है। दूसरे शब्दों में, उत्पादन अवसर लागत बढ़ाने के नियम का पालन करेगा।
संक्षेप में बढती हुई सीमान्त अवसर लागत के कारण उत्पादन संभावना वक्र मूल बिन्दू की ओर नतोदर होता है।
रेखाचित्र की सहायता से निरूपण
Good A की प्रत्येक अतिरिक्त इकाई का उत्पादन करने के लिए Good B की अधिक से अधिक इकाइयों का त्याग करना होगा। नतीजतन, Good A की प्रत्येक अतिरिक्त इकाई के उत्पादन की अवसर लागत Good B के उत्पादन के नुकसान को बढ़ाती है। दूसरे शब्दों में, उत्पादन अवसर की बढ़ती लागत के कानून का पालन करेगा।
उत्पादन संभावना वक्र का खिसकाव :-
उत्पादन संभावना वक्र में खिसकाव दो प्रकार का होता है :-
(1) दाई ओर खिसकाव :- उत्पादन संभावना वक्र उस स्थिति में दाई ओर खिसकता है जब एक अर्थव्यवस्था में साधनों की मात्रा में वृद्धि हो या तकनीक में परिवर्तन हो।जब उत्पादन संभावना वक्र दाई ओर खिसकता है उस अवस्था में तीन परिस्थितियां उत्पन्न होती है:-
(a) जब X वस्तु के उत्पादन में कुशलतम तकनीक का प्रयोग किया जाता है तो X वस्तु का उत्पादन बढ़ता है। लेकिन Y वस्तु का उत्पादन स्थिर रहता है जिससे उत्पादन संभावना वक्र X अक्ष पर दाई ओर खिसक जाता है।
रेखाचित्र की सहायता से निरूपण
(b) जब केवल Y वस्तु के उत्पादन में कुशलतम तकनीक का प्रयोग किया जाता है तो Y वस्तु का बढ़ता है लेकिन X वस्तु का उत्पादन स्थिर रहता है जिससे उत्पादन संभावना वक्र Y-अक्ष पर दाई ओर खिसक जाता है।
रेखाचित्र की सहायता से निरूपण
(C) जब उत्पादन संभावना वक्र पर दोनो वस्तुओं में तकनीकी सुधार हो जाता है तो X और Y.अक्ष दोनों ओर से उत्पादन संभावना वक्र पर दाई ओर खिसक जाता है।
रेखाचित्र की सहायता से निरूपण
(2) बाई ओर खिसकना:- जिस अवस्था में उत्पादन संभावना वक्र बाई ओर खिसकता है उसे संसाधनों का अल्पप्रयोग कहते है। इसमें उपलब्ध कुछ संसाधन बेरोजगार रहते है। यह एक दुर्लभ संभावना है लेकिन कभी-कभी यह जनसंख्या में गिरावट, बड़े पैमाने पर आपदाओं, युद्ध आदि के कारण पूंजीगत स्टॉक के विनाश के कारण हो सकता है
संसाधनो का अकुशलतम प्रयोग तब माना जाता है जब उत्पादन संभावना वक्र पर दर्शाए गए समस्त संयोगों पर उत्पादन न करके भीतर किसी अन्य बिन्दू पर उत्पादन किया जाए तो उसे संसाधनो का अल्पप्रयोग कहते है।
रेखाचित्र की सहायता से निरूपण
धन्यवाद अपने दोस्तों के साथ साझा करें
यदि आपका कोई प्रश्न है तो टिप्पणी करें।